भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना – PMJAY) गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलता है, जिससे वह गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में करवा सकते हैं।
हालांकि, इतनी बड़ी योजना में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं। कई अस्पताल, मरीज और बिचौलिए (मिडलमैन) इस योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं। कुछ अस्पताल गलत दस्तावेजों के आधार पर फर्जी मरीज बनाकर क्लेम कर रहे हैं, वहीं कुछ फर्जी गोल्डन कार्ड भी बाजार में बेचे जा रहे हैं।
इसके अलावा, कई लोग मासूम लाभार्थियों को गुमराह करके उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। गलत जानकारी देकर फर्जी बीमा क्लेम, अवैध कटौती और नकली कार्ड जारी करने जैसी धोखाधड़ी आम हो गई है। यदि आप आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने जा रहे हैं, तो आपको इस प्रकार के फर्जीवाड़े से सतर्क रहने की जरूरत है।
इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि आयुष्मान भारत योजना में किस प्रकार के फर्जीवाड़े होते हैं, यह धोखाधड़ी कैसे होती है, और आप खुद को इनसे कैसे बचा सकते हैं। अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।
आयुष्मान भारत योजना में होने वाले फर्जीवाड़े के प्रकार
इस योजना में कई प्रकार की धोखाधड़ी सामने आई हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- फर्जी गोल्डन कार्ड बनाना
- गलत मरीजों का इलाज दिखाकर बीमा राशि क्लेम करना
- फर्जी अस्पतालों द्वारा फर्जी बिलिंग करना
- गलत दस्तावेजों के जरिए लाभार्थी बनाना
- अस्पतालों द्वारा गैर-आवश्यक सर्जरी कराना
- फर्जी कॉल और SMS के जरिए ठगी
अब इन सभी को विस्तार से समझते हैं।
1. फर्जी गोल्डन कार्ड बनाना
कुछ दलाल और साइबर कैफे संचालक नकली आयुष्मान कार्ड बनाकर लोगों से पैसे वसूलते हैं। वे कहते हैं कि इसके बिना आपको योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि असल में गोल्डन कार्ड मुफ्त में बनता है।
बचाव कैसे करें?
- गोल्डन कार्ड सिर्फ अधिकृत कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या सूचीबद्ध अस्पताल से बनवाएं।
- अगर कोई व्यक्ति इसके लिए पैसे मांगता है, तो तुरंत शिकायत करें।
2. गलत मरीजों का इलाज दिखाकर बीमा राशि क्लेम करना
कुछ अस्पताल ऐसे मरीजों को शामिल कर लेते हैं जो असल में बीमार नहीं होते और फर्जी मेडिकल रिकॉर्ड बनाकर सरकार से बीमा राशि वसूलते हैं।
बचाव कैसे करें?
- सिर्फ अधिकृत अस्पतालों में ही इलाज कराएं।
- अपना आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज खुद संभालकर रखें।
3. फर्जी अस्पतालों द्वारा फर्जी बिलिंग करना
कुछ निजी अस्पतालों में मरीज को भर्ती तो कर लिया जाता है, लेकिन इलाज किए बिना ही सरकार से पैसे वसूले जाते हैं।
बचाव कैसे करें?
- इलाज के बाद अस्पताल की ओर से दी जाने वाली मेडिकल रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ें।
- बिल की कॉपी अपने पास रखें और संदेह होने पर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर शिकायत करें।
4. गलत दस्तावेजों के जरिए लाभार्थी बनाना
कुछ लोग नकली दस्तावेजों के जरिए इस योजना का लाभ उठाते हैं। वे अपने परिवार को इस योजना में शामिल कराने के लिए झूठी जानकारी देते हैं।
बचाव कैसे करें?
- आधिकारिक पोर्टल पर अपने नाम की जांच करें।
- फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर तुरंत हेल्पलाइन पर शिकायत करें।
5. अस्पतालों द्वारा गैर-आवश्यक सर्जरी कराना
कई अस्पताल बिना जरूरत के मरीजों की सर्जरी करके बीमा राशि क्लेम कर लेते हैं। मरीज को गलत जानकारी देकर ऑपरेशन के लिए मजबूर किया जाता है।
बचाव कैसे करें?
- अगर डॉक्टर आपको बिना जरूरत के ऑपरेशन के लिए कहे, तो किसी और विशेषज्ञ से सलाह लें।
- इलाज से पहले अस्पताल की सभी शर्तें पढ़ें।
6. फर्जी कॉल और SMS के जरिए ठगी
कुछ ठग लोग बैंक अकाउंट डिटेल, OTP और आधार नंबर पूछकर फ्रॉड करते हैं। वे खुद को योजना का अधिकारी बताकर फोन कॉल या मैसेज भेजते हैं।
बचाव कैसे करें?
- किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- आधिकारिक वेबसाइट pmjay.gov.in पर जानकारी चेक करें।
आयुष्मान भारत योजना में धोखाधड़ी से बचने के उपाय
- सिर्फ अधिकृत अस्पतालों से ही इलाज कराएं।
- गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
- अपनी पर्सनल जानकारी (OTP, बैंक डिटेल, आधार नंबर) किसी को न दें।
- फर्जी कॉल और मैसेज से सावधान रहें।
- संदेह होने पर 14555 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें।
निष्कर्ष
आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए एक वरदान है, लेकिन कुछ लोग इस योजना का दुरुपयोग करके गरीबों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। फर्जी गोल्डन कार्ड, नकली अस्पतालों की बिलिंग, गैर-जरूरी सर्जरी और जालसाजों द्वारा फर्जी कॉल और SMS के जरिए ठगी करना इस योजना में होने वाले प्रमुख फर्जीवाड़े हैं।
अगर आप इस योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। गोल्डन कार्ड सिर्फ सरकारी केंद्रों से बनवाएं, अधिकृत अस्पतालों में ही इलाज कराएं, और किसी भी अनजान कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
भारत सरकार इस योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग, शिकायत निवारण प्रणाली और हेल्पलाइन नंबर 14555 जैसी सुविधाएँ प्रदान कर रही है। अगर आपको किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत इसकी शिकायत करें।
अगर लोग जागरूक होंगे और नियमों का पालन करेंगे, तो इस योजना का सही लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुँच सकेगा और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसलिए, खुद सतर्क रहें और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें।