RC Transfer Process: वाहन मालिक बदलने की प्रक्रिया 2025

By Chhotu Kumar

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RC Transfer Process

RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) ट्रांसफर का मतलब है कि किसी वाहन की मालिकाना हक (Ownership) को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करना। यह प्रक्रिया तब जरूरी होती है जब कोई पुराना वाहन (Used Vehicle) खरीदता या बेचता है। भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत किसी भी वाहन की बिक्री के बाद उसका पंजीकरण नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कराना अनिवार्य है।

RC ट्रांसफर की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा किया जा सकता है। अगर आप किसी दूसरे राज्य में रहते हैं और वहां से वाहन खरीदते हैं, तो आपको NOC (No Objection Certificate) की भी जरूरत होगी।

RC ट्रांसफर में देरी होने पर पुराने मालिक पर वाहन से जुड़े किसी भी चालान, दुर्घटना या गैरकानूनी गतिविधि की जिम्मेदारी आ सकती है। इसलिए, यदि आप अपना वाहन बेच रहे हैं, तो RC ट्रांसफर जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए।

RC ट्रांसफर की प्रक्रिया में आपको फॉर्म 29 और फॉर्म 30, वाहन बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और खरीदार के केवाईसी दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है। यदि वाहन का रजिस्ट्रेशन किसी अन्य राज्य में किया गया है, तो NOC और रोड टैक्स क्लीयरेंस भी जरूरी होते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि RC ट्रांसफर कैसे करें, ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया क्या है, जरूरी दस्तावेज़, फीस और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।


RC Transfer (मालिक बदलने) की प्रक्रिया – पूरी जानकारी

1️⃣ RC ट्रांसफर कब जरूरी होता है?

RC ट्रांसफर की जरूरत निम्नलिखित परिस्थितियों में पड़ती है:

वाहन बिक्री (Selling a Used Vehicle) – यदि आप अपना वाहन किसी और को बेच रहे हैं, तो आपको उसका पंजीकरण नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कराना होगा।
मालिक की मृत्यु (Death of Vehicle Owner) – यदि वाहन मालिक की मृत्यु हो जाती है, तो वाहन का पंजीकरण उसके उत्तराधिकारी के नाम ट्रांसफर करना होगा।
दूसरे राज्य में वाहन ट्रांसफर (Interstate RC Transfer) – यदि वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करना है, तो NOC की आवश्यकता होगी।


2️⃣ RC ट्रांसफर के लिए जरूरी दस्तावेज़

RC ट्रांसफर के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

📌 बिक्री फॉर्म:
✔️ फॉर्म 29 और फॉर्म 30 (दोनों फॉर्म वाहन विक्रेता और खरीदार द्वारा भरे जाते हैं)

📌 वाहन से जुड़े दस्तावेज़:
✔️ पुरानी RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट)
✔️ वैध बीमा पॉलिसी
✔️ वैध PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट

📌 मालिक और खरीदार के दस्तावेज़:
✔️ विक्रेता और खरीदार का आधार कार्ड / पैन कार्ड
✔️ नया मालिक का पता प्रमाण पत्र
✔️ दो पासपोर्ट साइज फोटो

📌 अतिरिक्त दस्तावेज़ (अगर लागू हो तो):
✔️ NOC (No Objection Certificate) – यदि वाहन दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो रहा है।
✔️ Road Tax Clearance Certificate – यदि वाहन का टैक्स बाकी है तो उसे चुकाना होगा।
✔️ Death Certificate और Legal Heir Certificate – यदि वाहन मालिक की मृत्यु हो गई हो।


3️⃣ RC ट्रांसफर ऑनलाइन कैसे करें?

अब आप परिवहन विभाग की वेबसाइट (https://parivahan.gov.in/) के जरिए ऑनलाइन RC ट्रांसफर कर सकते हैं।

Step 1: Parivahan Portal पर जाएं और “Online Services” > “Vehicle Related Services” पर क्लिक करें।
Step 2: अपना राज्य और RTO ऑफिस चुनें।
Step 3: वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर आगे बढ़ें।
Step 4: “RC Transfer” ऑप्शन पर क्लिक करें और सभी जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें।
Step 5: RC ट्रांसफर की फीस (₹300 – ₹500) ऑनलाइन जमा करें।
Step 6: फीस भुगतान के बाद पुष्टि प्राप्त करें और ऑनलाइन आवेदन सबमिट करें।
Step 7: अब खरीदार को RTO ऑफिस में जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन पूरा करना होगा।
Step 8: सफलतापूर्वक वेरिफिकेशन के बाद नया RC सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।


4️⃣ ऑफलाइन RC ट्रांसफर प्रक्रिया

अगर आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो ये स्टेप्स फॉलो करें:

1️⃣ अपने नजदीकी RTO ऑफिस में जाएं और फॉर्म 29 और फॉर्म 30 भरें।
2️⃣ सभी जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करें (RC, बीमा, PUC, पहचान पत्र आदि)।
3️⃣ आवेदन फॉर्म और दस्तावेज़ को RTO अधिकारी के पास जमा करें।
4️⃣ RC ट्रांसफर की निर्धारित फीस जमा करें (₹300 – ₹500)।
5️⃣ अगर वाहन दूसरे राज्य का है, तो NOC और रोड टैक्स क्लीयरेंस भी जमा करना होगा।
6️⃣ प्रक्रिया पूरी होने के बाद 10-15 दिनों में नया RC जारी कर दिया जाएगा।


5️⃣ RC ट्रांसफर की फीस कितनी है?

RC ट्रांसफर शुल्क वाहन के प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकता है:

🚗 दो पहिया वाहन: ₹300 – ₹500
🚗 चार पहिया वाहन: ₹500 – ₹1500
🚗 कमर्शियल वाहन: ₹1000 – ₹2500


1️⃣ RC ट्रांसफर में लगने वाला समय

RC ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने में 10 से 30 दिन तक का समय लग सकता है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों में समय लग सकता है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया अपेक्षाकृत तेज होती है।

  • ऑनलाइन प्रक्रिया: 7-15 दिन
  • ऑफलाइन प्रक्रिया: 15-30 दिन
  • दूसरे राज्य में ट्रांसफर: 30 दिन से अधिक (NOC और टैक्स क्लीयरेंस के कारण)

2️⃣ RC ट्रांसफर नहीं करने पर क्या होगा?

अगर वाहन बेचने के बाद RC ट्रांसफर नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

ट्रैफिक चालान – अगर नया मालिक ट्रैफिक नियम तोड़ता है, तो चालान पुराने मालिक के नाम पर आ सकता है।
कानूनी परेशानी – अगर वाहन किसी अपराध में शामिल हो जाता है, तो पुलिस की जांच में नाम पुराने मालिक का आ सकता है।
बीमा क्लेम में समस्या – बिना ट्रांसफर के नए मालिक को बीमा क्लेम नहीं मिलेगा।

3️⃣ RC ट्रांसफर के बाद क्या करें?

✔️ नया मालिक बीमा पॉलिसी अपडेट करवाए ताकि क्लेम में कोई दिक्कत न हो।
✔️ यदि राज्य बदला है, तो नए RTO में वाहन का रजिस्ट्रेशन अपडेट करवाएं।
✔️ RC ट्रांसफर की सफलता की पुष्टि करने के लिए Parivahan पोर्टल पर चेक करें।

4️⃣ RC ट्रांसफर के लिए बेस्ट प्रैक्टिस

  • वाहन बेचने से पहले NOC और Road Tax की स्थिति चेक करें।
  • नया मालिक RTO से RC ट्रांसफर की हार्ड कॉपी प्राप्त कर ले।
  • यदि RC ट्रांसफर में देरी हो रही है, तो RTO से संपर्क करें।
  • ऑनलाइन आवेदन करने के बाद अंतिम स्टेटस चेक करते रहें।

5️⃣ RC ट्रांसफर के लिए हेल्पलाइन नंबर और सपोर्ट

RC ट्रांसफर से जुड़ी कोई समस्या आने पर आप इन विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं:

📞 परिवहन विभाग हेल्पलाइन: 1800 123 4000
🌐 ऑनलाइन सहायता: https://parivahan.gov.in/
🏢 स्थानीय RTO कार्यालय में विजिट करें।


📌 Conclusion (निष्कर्ष)

RC ट्रांसफर एक कानूनी प्रक्रिया है, जो वाहन मालिक को बदलने के लिए अनिवार्य होती है। यदि आप पुराना वाहन खरीदते या बेचते हैं, तो RC ट्रांसफर न कराना आपको भविष्य में कानूनी समस्याओं में डाल सकता है।

ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए Parivahan Portal से RC ट्रांसफर करना अब बेहद आसान हो गया है। आप घर बैठे सभी दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। हालांकि, अंतिम सत्यापन के लिए नए मालिक को RTO में जाना पड़ता है।

RC ट्रांसफर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियमों के अनुसार होता है, इसलिए आपको अपने स्थानीय RTO के नियमों को भी चेक करना चाहिए। यदि वाहन किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जा रहा है, तो NOC प्राप्त करना आवश्यक है।

RC ट्रांसफर के बाद नए मालिक के नाम पर नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है, जिससे वाहन से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां अब नए मालिक पर आ जाती हैं।

इसलिए, RC ट्रांसफर में देरी न करें और सभी जरूरी दस्तावेज़ों के साथ सही प्रक्रिया अपनाकर इसे जल्द से जल्द पूरा करें। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वे भी RC ट्रांसफर की प्रक्रिया को आसानी से समझ सकें। 🚗✅

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